Saturday, September 6, 2008

अनूदित कविता

अंतर

तेलुगु मूल - सूर्य वंशी
अनुवाद - वी. वेंकटेश्वरा

लकड़ी मेरे हाथ में
पड़ा हूँ पीछे
मैं सांप के ।
हाथ में उसके
प्याला दूध का
स्वागत वह करता सांप का !

No comments: