Wednesday, September 2, 2009

ओणम की शुभकामनाएँ

सभी पाठकों को ओणम पर्व की हार्दिक मंगलकामनाएँ

मलयालियों का प्रतीक त्यौहार - ओणम

हर वर्ष श्रावण नक्षत्र मास में विश्व के मलयालियों द्वारा
धूम - धाम से मनाया जानेवाला परम - पुनीत त्यौहार है

“ओणम”
जिसे ‘नौका पर्व भी कहा जाता है (*)
जिस में भाग लेने वाले
तन्मय से गाते हैं---“वंचिप्पाटुट”।
ओणम के दिन घरों को फूलो के शिंगार को कहते हैं
---- “पुक्कलम”।
पूरे वर्ष, कड़ी मेहनत से किसान
तरह - तरह के अनाज़ का करता है उत्पादन
खट्टे - मीठे जीवन अनुभवों को समेट
’अवियल’, ‘पुलिइंजी ’, ‘अप्पम’’ से करता
अभिव्यक्त रसास्वादन
बांटता परिजनों से “सद्या” प्रीतिभोज
‘मोहिनी अट्टम’’, ‘तिरूवादिरा ’ सांप्रदायिक नृत्यों से
हर्षौल्लास के साथ गूंज उठती हैं दस दिशायें
सुख -शांति व समृद्वि को, जीवन में
भर देती है नई आशायें।
गरीब किसान कहते है
”काणम् विट्टुम ओणम उण्णणम”
यानी जमीन बेच कर भी
‘ओणम’ मनाना चाहिए
पुराणों की कथानुसार
’वामनवतार ’ के बलि चक्रवर्ती
पाताल से धर्ती पर आकर
मलयालियों को देतें है आर्शीवचन
उस दिन को ‘ओणम ’ कहते है जो केरलियों का प्रतीक बन
प्रकट करता है अपनापन
विराट करता अपनी पहचान
विकास करवाता मान - सम्मान
(*) “भगवान का अपना देश”
केरल का राष्ट्रीय त्यौहार है - ओणम



डी. अर्चना, चेन्नै

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